20वीं शताब्दी में, द्वितीय विश्व युद्ध, अंतरिक्ष दौड़ और विकसित देशों में (संयुक्त राज्य अमेरिका सहित) उपभोक्ता समाज की तरक्की ने स्प्रे शुष्कन, रस सांद्रण, हिम शुष्कन और कृत्रिम मिठास, रंजक कारकों के प्रवर्तन तथा सोडियम बेंज़ोएट जैसे परिरक्षकों के विकास द्वारा खाद्य प्रसंस्करण की वृद्धि में योगदान दिया.
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20वीं शताब्दी में, द्वितीय विश्व युद्ध, अंतरिक्ष दौड़ और विकसित देशों में (संयुक्त राज्य अमेरिका सहित) उपभोक्ता समाज की तरक्की ने स्प्रे शुष्कन, रस सांद्रण, हिम शुष्कन और कृत्रिम मिठास, रंजक कारकों के प्रवर्तन तथा सोडियम बेंज़ोएट जैसे परिरक्षकों के विकास द्वारा खाद्य प्रसंस्करण की वृद्धि में योगदान दिया.